Wednesday 2 January 2013

नई दामिनियों का जन्म

दामिनी  की  कुर्बानी  के  बाद  भी  आज  भी  समाज  की  स्थिति  वही  की  वही  है। कल और  आज  में कोई  अंतर  नही  है। कल  एक दामिनी  ने कुर्बानी  दी। आज कई  दामिनि कुर्बानियां  दे रही  है .समाज  में वें  केवल 6 दरिंदे ही नही है उनकी  ही  तरह  और  भी दरिंदे  है। जिनकी  वजह से  आज  हर  पल  , एक  ही  समय  पर कई  दामिनी पैदा हो रही  है। कल  जिस  दामिनी  का  हमने  अंतिम  संस्कार  किया  वह  एक  अकेली  दामिनी  नही थी  ,उसी  की तरह  कल  भी  कई  दामिनी  थी।
कहा  जाता  है  कि  वक्त  बड़ा  पहलवान  होता  है। सभी  काम  सही समय  आने  पर  ही  होते  है।  अब  तक  जितनी  लडकियों  का  बलात्कार  हुआ  उन  घटनाओ ने  समाज  को  उतना  नही  झकझोरा  था  जितना  की  दामिनी  की  घटना  ने झकझोरा  है।भले  ही  इस  घटना  ने  उन  जैसे  समाज  में  फैले  दरिंदों  के  अंदर  डर  न  पैदा  किया  हो  आज  भी  उन  जैसे  दरिन्दे  अपनी  दरिंदगी  को  दिखाने   में  कोई  हिचक  न  रखते  हो  लेकिन  कम  से  कम  उस घटना  ने  या   उस दामिनी  की   क़ुरबानी ने  समाज  में  रहने  वाले  उन  लोगो  में  से  कुछ  लोगो  को तो  प्रभावित किया  है जो  सरे  राह  हो  रहे  छेड़ छाड़   को   तमाशे  की  तरह  देख कर  चलता  बनते  है।  आज  कहीं  न  कहीं कुछ  लोगो  के  अंदर  हिम्मत आई है की  वो  अपने  सामने  हो  रहे  इस  तरह  की  घटना  को  रोक  सके  और  साथ  ही साथ  सोचने  पर  भी  मजबूर  कर   दिया  है  कि  जिस  तरह  वह  आज  किसी  की बेटी को  तमाशा  बनते  देख  रहे  और  वो  कुछ  नही  कर   रहे  है  ठीक  वही  घटना   कल  को  उनकी  बेटी  के  साथ  भी  हो  सकती  है। 
खैर  समाज  में  फैली  यह बुराई  इतनी  जल्दी  नही  मिटने  वाली  है। इस बुराई की  जड़  भी  उतनी  ही  गहरी  है  जितनी  की  रिश्वत  और  अन्य  घोटालो  की  है। 
सरकार  फ़ास्ट  ट्रैक कोर्ट  बनाने  की  या  तो  कही  नये  कानून  बनाने  की  बात  कर  रही  है  लेकिन किसी ने अभी  हो  रही  घटनाओ  के  लिए  कुछ  नही  सोचा  है। आज  भी  कहीं  न   कहीं   हर  समय  कोई  न  कोई लड़की  किसी  दरिंदे  की  हवश  का  शिकार  बन  रही  है।


           नई दामिनियों  का जन्म 


 राजस्थान के एक  गांव में   एक युवक ने  नाबालिग  लड़की को बंधक बनाकर दो दिन तक उसके साथ बलात्कार किया।घटना के बाद पीड़ित लड़की ने आग लगाकर खुदकुशी की कोशिश की। पीड़ित लड़की 70 फीसदी से ज्यादा जल चुकी है और फिलहाल अजमेर के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। लड़की की हालात नाजुक बताई जा रही है।


पंजाब के होशियारपुर में छेड़खानी का विरोध करने पर कुछ लड़कों ने दो बहनों की जमकर पिटाई की। पीड़ित लड़कियों के मुताबिक ये लड़के पिछले 4 महीने से उन्हें तंग कर रहे थे।

श्रीनगर में ट्यूशन पढ़ने जा रही एक लड़की पर तेजाब फेंका गया दो लड़कों ने उस लड़की पर इसलिए तेजाब फेंक दिया क्योंकि वो उसकी होने जा रही शादी से नाखुश थे।

हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक युवक ने  अपने ही रिशतेदार की  युवती को बेहोश करके दुष्कर्म किया और उसे गोली मारकर घायल कर दिया। घायल का अस्पताल में इलाज  अभी भी चल रहा है।


उस दामिनी के बाद भी यदि आज हमारे सामने इतनी सारी दामिनी खड़ी है तो यह समाज , यह सरकार , और वो नारा जिसमे यह कहा गया कि दामिनी हम तुम्हारी कुर्बानी बेकार नही जाने देंगे सब बेकार है , सबका होना और न होना बराबर है।
आज हर पल इतिहास अपने आपको दोहराह रहा है और कोई कुछ नही कर पा रहा है। 
और यह इतिहास आगें न दोहराया जाएँ इसके लिए कानून के साथ ही साथ समाज में रहने वालों को चाहिये की वह अपने सामने होने वाली  इस तरह की घटना को रोकने के किये आगे बढ़े।बल्कि यह सोच कर पीछे न हट जाएँ कि कौन सी वो लड़की उनकी बेटी या बहन नही है जो वो इन सब झगड़ो में पड़े।
दोस्तों आपको क्या लगता है सिर्फ कानून बन जाने से ही इन दरिंदो को इस समाज से हटाया जा सकता है ?